Shodashi for Dummies
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The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and fulfill all preferred outcomes and aspirations. It really is believed to invoke the blended energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the ultimate goal of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all facets of lifetime.
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
पञ्चबाणधनुर्बाणपाशाङ्कुशधरां शुभाम् ।
दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
गणेशग्रहनक्षत्रयोगिनीराशिरूपिणीम् ।
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं त्रिपुर सुंदरीयै नमः॥
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति Shodashi का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।